⚜ श्री चित्रगुप्त जी की आरती ⚜

हिंदी

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।

भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी।

भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै।

मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण, प्रभु अन्तर्यामी।

सृष्टि संहारण, जन दु:ख हारण, प्रकट हुये स्वामी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


कलम, दवात, शङ्ख, पत्रिका, कर में अति सोहै।

वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवन मन मोहै॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


सिंहासन का कार्य सम्भाला, ब्रह्मा हर्षाये।

तैंतीस कोटि देवता, चरणन में धाये॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


नृपति सौदास, भीष्म पितामह, याद तुम्हें कीन्हा।

वेगि विलम्ब न लायो, इच्छित फल दीन्हा॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


दारा, सुत, भगिनी, सब अपने स्वास्थ के कर्ता।

जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुम तज मैं भर्ता॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरण गहूँ किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


जो जन चित्रगुप्त जी की आरती, प्रेम सहित गावैं।

चौरासी से निश्चित छूटैं, इच्छित फल पावैं॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥


न्यायाधीश बैकुण्ठ निवासी, पाप पुण्य लिखते।

हम हैं शरण तिहारी, आस न दूजी करते॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

English

Om Jai Chitragupta Hare, Swami Jai Chitragupta Hare।

Bhakta Jano Ke Ichchhita, Phala Ko Purna Kare॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Vighna Vinashaka Mangalakarta, Santana Sukhadayi।

Bhaktana Ke Pratipalaka, Tribhuvana Yasha Chhayi॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Rupa Chaturbhuja, Shyamala Murati, Pitambara Rajai।

Matu Iravati, Dakshina, Vama Anga Sajai॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Kashta Nivarana, Dushta Samharana, Prabhu Antaryami।

Srishti Samharana, Jana Dukha Harana, Prakata Huye Swami॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Kalama Dawata, Shankha, Patrika, Kara Mein Ati Sohai।

Vaijayanti Vanamala, Tribhuvana Mana Mohai॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Simhasana Ka Karya Sambhala, Brahma Harshaye।

Taintisa Koti Devata, Charanana Mein Dhaye॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Nripati Saudasa, Bhishma Pitamaha, Yada Tumhe Kinha।

Vegi Vilamba Na Layo, Ichchhita Phala Dinha॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Dara, Suta, Bhagini, Saba Apne Swastha Ke Karta।

Jaun Kahan Sharana Mein Kisaki, Tuma Taja Main Bharta॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Bandhu, Pita Tuma Swami, Sharana Gahun Kisaki।

Tuma Bina Aura Na Duja, Asa Karun Jisaki॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Jo Jana Chitragupta Ji Ki Aarti, Prema Sahita Gavain।

Chaurasi Se Nishchita Chhutain, Ichchhita Phala Pavain॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥


Nyayadhisha Baikuntha Nivasi, Paap Punya Likhate।

Hama Hain Sharana Tihari, Asa Na Duji Karate॥ Om Jai Chitragupta Hare...॥